Utpanna Ekadashi 2025: उत्पन्ना एकादशी व्रत कथा

Painting of Lord Vishnu, Goddess Ekadashi, and demon Mura from the Utpanna Ekadashi story in Hindu mythology, symbolizing the victory of divine power over evil.

क्या आप जानते हैं कि Ekadashi कोई साधारण व्रत नहीं थी, बल्कि स्वयं भगवान विष्णु के शरीर से प्रकट हुई एक दिव्य शक्ति थी जिसने पूरे संसार से पाप और अंधकार का नाश किया?
उस पवित्र दिन को कहा जाता है — Utpanna Ekadashi, वह दिन जब Ekadashi Devi का जन्म हुआ और भक्ति का आरंभ हुआ।

भविष्य उत्तर पुराण के अनुसार यह एकादशी मार्गशीर्ष मास के कृष्ण पक्ष में आती है। इस दिन भगवान श्रीकृष्ण ने अर्जुन को इस व्रत का महत्व सुनाया था।

एक बार अर्जुन ने विनम्रता पूर्वक भगवान श्रीकृष्ण से पूछाहे जनार्दन! कृपया मुझे बताइए कि Ekadashi व्रत का क्या महत्व है? इसे करने से क्या फल मिलता है?”

भगवान श्रीकृष्ण ने प्रेमपूर्वक उत्तर दियाहे अर्जुन! जो मनुष्य पहली बार भक्ति मार्ग पर चलता है, उसके लिए मार्गशीर्ष कृष्ण पक्ष की Ekadashi — अर्थात् Utpanna Ekadashi — अत्यंत शुभ होती है। इस व्रत के पालन से मनुष्य के सभी पाप नष्ट हो जाते हैं और उसे वैकुंठ धाम की प्राप्ति होती है।

सत्य युग में मुरा नाम का एक भयानक दैत्य था। उसने तीनों लोकों में आतंक फैला दिया था। देवता भी उसके सामने असहाय हो गए थे। इंद्रदेव सहित सभी देवता भगवान महादेव के पास पहुंचे और सहायता मांगी। भगवान शिव ने उन्हें भगवान विष्णु की शरण में जाने की सलाह दी।

भगवान विष्णु ने देवताओं को आश्वासन दिया और मुरा से युद्ध करने निकल पड़े। यह युद्ध हजारों वर्षों तक चला। अंत में भगवान विष्णु बदरिकाश्रम की एक गुफा में विश्राम करने लगे और योगनिद्रा में चले गए।

मुरा वहाँ पहुँचा और भगवान पर आक्रमण करने का प्रयास करने लगा। उसी क्षण भगवान विष्णु के शरीर से एक तेजस्विनी देवी प्रकट हुईं — जिनके तेज से पूरा ब्रह्मांड प्रकाशित हो गया।
उस देवी ने मुरा का वध कर दिया और देवताओं को भयमुक्त किया।

Ekadashi Devi का प्राकट्य

जब भगवान विष्णु योगनिद्रा से जागे, तब उस देवी ने विनम्रता से नमस्कार किया। भगवान विष्णु ने प्रसन्न होकर कहा — “हे देवी! तुम मेरे शरीर से चंद्र मास के ग्यारहवें दिन प्रकट हुई हो, इसलिए तुम्हारा नाम Ekadashi होगा।
जो कोई श्रद्धा और निष्ठा से कृष्ण पक्ष या शुक्ल पक्ष की Ekadashi का व्रत करेगा, उसे मेरे धाम, वैकुंठ, की प्राप्ति होगी।”

Utpanna Ekadashi का महत्व और लाभ

  • यह व्रत सभी पापों का नाश करता है।

  • मानसिक शांति, समृद्धि और आध्यात्मिक शक्ति प्रदान करता है।

  • नकारात्मक ऊर्जाओं से रक्षा करता है।

  • मोक्ष और भगवान विष्णु की कृपा प्राप्त होती है।

  • श्रद्धा, भक्ति और आत्मबल को दृढ़ करता है।

शास्त्रों में कहा गया है कि जो व्यक्ति Utpanna Ekadashi की कथा को श्रद्धा से सुनता है, उसके समस्त पाप नष्ट हो जाते हैं और उसे भगवान श्रीकृष्ण की कृपा मिलती है।

निष्कर्ष

Utpanna Ekadashi हमें यह सिखाती है कि जब भी अधर्म और पाप बढ़ते हैं, तब भगवान की कृपा स्वरूप कोई न कोई दिव्य शक्ति प्रकट होती है। यह व्रत केवल उपवास का नहीं, बल्कि आत्मशुद्धि, संयम और भगवान के स्मरण का प्रतीक है।

इस पवित्र तिथि पर भगवान श्रीकृष्ण के नाम का कीर्तन करें, भक्ति में लीन रहें और अपने मन को दिव्यता से भर दें।

Wishing you all a blissful and sacred Utpanna Ekadashi.
हरे कृष्ण राधे राधे।

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