Amalaki Ekadashi – आमलकी एकादशी व्रत कथा | Prosperous Sacred व्रत जो पापों का नाश कर मोक्ष प्रदान करता है

Amalaki Ekadashi

Amalaki Ekadashi फाल्गुन मास के शुक्ल पक्ष में आती है और भगवान विष्णु को समर्पित है। इस व्रत से जुड़ी पौराणिक कथा न केवल मन को शुद्ध करती है, बल्कि जीवन के सभी संकटों से मुक्ति दिलाने वाली मानी जाती है।  🚩 

आमलकी एकादशी  (Amalaki Ekadashi)  का नाम आंवले के वृक्ष (आमलकी) से लिया गया है, जिसे भगवान विष्णु का प्रतीक माना जाता है। इस दिन आंवले के वृक्ष की पूजा, विष्णु भगवान का आराधना, व्रत और रात्रि जागरण किया जाता है। ऐसा मान्यता है कि यह व्रत:

  • सभी पापों को नष्ट करता है।

  • 1000 गायों के दान के समान पुण्य प्रदान करता है।

  • मोक्ष के मार्ग को प्रशस्त करता है।

आमलकी एकादशी की पौराणिक कथा

एक बार राजा मांधाता ने महर्षि वशिष्ठ से प्रार्थना की, “हे ऋषिवर! संसार के कल्याण हेतु कोई पावन कथा सुनाएं।” तब महर्षि ने आमलकी एकादशी (Amalaki Ekadashi)  की कथा सुनाई, जो मनुष्य को भवसागर से पार करने वाली है।

प्राचीन समय में वैदिश नगर में राजा चैतरथ शासन करते थे। वे स्वयं और उनकी प्रजा भगवान विष्णु के अनन्य भक्त थे। एक बार आमलकी एकादशी के दिन पूरे नगर ने व्रत रखा। सभी ने मंदिर में पूजा-अर्चना की, कथा सुनी और रातभर जागरण किया।

उसी मंदिर में एक शिकारी भी आया, जो आमतौर पर पापकर्म में लिप्त था। उसने भी भक्ति भाव से व्रत कथा सुनी और जागरण में भाग लिया। अगले दिन घर लौटकर भोजन करते ही उसकी मृत्यु हो गई। किंतु, व्रत के पुण्य के कारण उसका जन्म राजा विदूरथ के पुत्र वसुरथ के रूप में हुआ।

वसुरथ बड़े होकर राजा बने। एक दिन वे शिकार हेतु जंगल गए और रास्ता भटक गए। थककर एक पेड़ के नीचे सो गए। तभी कुछ डाकुओं ने उन पर हमला किया। अचानक, उनके शरीर से एक दिव्य स्त्री प्रकट हुई, जिसने डाकुओं का वध कर राजा की रक्षा की। जागने पर वसुरथ ने चारों ओर शव देखे और आश्चर्यचकित रह गए।

तभी आकाश से वाणी हुई, “हे वसुरथ! तुम्हारी रक्षा स्वयं भगवान विष्णु ने की है। तुम्हारे पिछले जन्म के आमलकी एकादशी व्रत के पुण्य ने तुम्हें यह जीवन दिया।” इसके बाद वसुरथ ने भक्तिपूर्वक राज किया और अंततः मोक्ष प्राप्त किया।

महर्षि वशिष्ठ ने राजा मांधाता को बताया कि यह व्रत:

  • सभी पापों को धो देता है।

  • कार्यों में सफलता देता है।

  • मृत्यु के बाद मोक्ष प्रदान करता है।

निष्कर्ष

Amalaki Ekadashi  का व्रत न केवल धर्म और पुण्य प्रदान करता है, बल्कि यह मोक्ष की प्राप्ति का मार्ग भी दिखाता है। यह व्रत करने से व्यक्ति के जीवन में सुख, समृद्धि और शांति आती है। भगवान विष्णु की कृपा प्राप्त करने और जीवन को सफल बनाने के लिए आमलकी एकादशी का व्रत अवश्य करना चाहिए।

FAQ (सामान्य प्रश्न):

  1. आमलकी एकादशी (Amalaki Ekadashi)  कब मनाई जाती है?

    • फाल्गुन माह के शुक्ल पक्ष की एकादशी को।

  2. क्या इस व्रत में आंवले का विशेष महत्व है?

    • हां, आंवले के वृक्ष की पूजा और फल का प्रसाद चढ़ाया जाता है।

  3. क्या रात्रि जागरण अनिवार्य है?

    • हां, जागरण से व्रत का पूरा फल मिलता है।

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